Saturday, October 4, 2008

चार साल की उपलब्धियां - राजस्व विभाग

राजस्व विभाग(४ वर्ष की उपलब्धि)
१ नारायण एवं बीजापुर को नया राजस्व जिला बनाया गया । २ ४९ तहसील, ३ उप तहसील व १ राजस्व अनुभाग का गठन (सभी विकासखंड को तहसील का दर्जा) ३ दुर्गम नक्सल प्रभावित अबूझमाड का सर्वेक्षण । ४ प्र्रदेश में पटवारी हल्कों का पुर्नगठन, प्रथम चरण में ६५० नवीन पटवारी पदों की स्वीकृत, ४६२ पटवारी की भर्ती एवंं राज्य में १५४४ पद की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलित । ५ सभी ९८ तहसीलों में भू-अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण कार्य पूर्ण । ६ ८४ तहसीलों के १५७८ पटवारियों को कम्प्यूटर सह उपकरण (ई-बस्ता) का वितरण, कम्प्यूटर संचालन हेतु ४६५० अधिकारियों/कर्मचारियों का प्रशिक्षण । ७ देश का प्रथम राज्य जहॉॅ सभी ग्रामों के पटवारी नक्शों का डिजीटाईजेशन का कार्य पूर्ण, पायलेट योजना के तहत रायपुर जिले के ०५ पटवारी हल्को का ऑनलॉइन अद्यतीकरण के लिए चयन, पूरे राज्य में इसी वर्ष पांरभ करने का लक्ष्य । ८ ३६४ मसाहती व ५४९ नैक्शा विहीन ग्रामों का नक्शा व अभिलेखों का निर्माण । ९ प्रदेश भर में बन्दोबस्त में हुई त्रृटियों को दूर करने के लिए अभियान। १० गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासियों की भूमि पर कब्जा से मुक्ति के लिए विशेष अभियान, ४७,३४० प्रकरण निराकृत, १६,१२५.३९ हेक्टेयर भूमि पर आदिवासी को पुन: कब्जा दिलाया गया । ११ नामतंरण, बंटवारा एवं सीमाकंन के प्रकरणों का विशेष अभियान के तहत ४,६८,७१८ प्रकरण निराकृत । १२ छत्तीसगढ़ राज्य आपदा प्रबंधन का गठन । १३ डिजास्टर इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर का निर्माण कार्य का पूर्णत: की ओर १४ सभी स्तर पर आपदा प्रबंधन समिति का गठन । १५ बाढ़ राहत समितियों का गठन । १६ सुखा राहत के तहत सतत निगरानी हेतु मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित।